सम्मोहन एक प्राचीन और गूढ़ विज्ञान है, जिसे मनुष्य ने अपने मानसिक शक्ति और मानसिक अवस्था को नियंत्रित करने के लिए सदियों से जाना और समझा है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें व्यक्ति अपने या दूसरों के मानसिक अवस्था में गहरी अवस्था में जाकर कोई विशेष प्रभाव या परिवर्तन लाने की कोशिश करता है। सम्मोहन का प्रभाव व्यक्ति के मानसिक, शारीरिक और मानसिक चेष्टाओं को प्रभावित करता है, जिससे उस पर इच्छित प्रभाव पड़ता है। जबकि सम्मोहन के कई प्रकार होते हैं, प्रमुख रूप से इसे पाँच प्रकारों में बांटा गया है, जो व्यक्तित्व, मानसिक क्षमता और भौतिक परिस्थितियों के आधार पर अलग-अलग होते हैं। ये प्रकार इस प्रकार हैं:
आत्म सम्मोहन, सभी प्रकार के सम्मोहन में सबसे महत्वपूर्ण और बुनियादी होता है। वास्तव में, यही सम्मोहन का मूल है। आत्म सम्मोहन की प्रक्रिया में व्यक्ति खुद को सुझाव, दिशा-निर्देश और मानसिक छवियाँ प्रदान करता है, जिनका उद्देश्य शरीर और मन में आंतरिक बदलाव उत्पन्न करना होता है। इस प्रक्रिया का उपयोग किसी भी तरह के नकारात्मक मानसिक स्थितियों को दूर करने, आत्म-संवेदनाओं को जागृत करने, और मानसिक सशक्तिकरण के लिए किया जाता है। आत्म सम्मोहन से मानसिक स्थिरता, आत्म-विश्वास और मानसिक स्वास्थ में सुधार संभव है। इसका उपयोग एक व्यक्ति द्वारा अपनी व्यक्तिगत समस्याओं को हल करने, तनाव, चिंता, और भय जैसी स्थितियों को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। आत्म सम्मोहन का अभ्यास करते हुए व्यक्ति स्वयं को एक शांत और सशक्त स्थिति में महसूस करता है।
पर सम्मोहन का मतलब होता है किसी अन्य व्यक्ति को सम्मोहित करना। इस प्रक्रिया में सम्मोहनकर्ता किसी अन्य व्यक्ति को मनोवैज्ञानिक रूप से प्रभावित करता है, जिससे उस व्यक्ति का दृष्टिकोण, विचार या कार्यशैली बदल जाए। पर सम्मोहन का उद्देश्य आमतौर पर व्यक्ति की मानसिक समस्याओं को दूर करना या उसे किसी विशेष कार्य में निर्देश देना होता है। इसे विशेष रूप से मानसिक चिकित्सा के रूप में उपयोग किया जा सकता है, जहां एक व्यक्ति दूसरे को सम्मोहित कर उसकी मानसिक स्थिति में सुधार लाता है। इसके अलावा, यह किसी को चमत्कारी प्रभाव दिखाने या दर्शाने के उद्देश्य से भी किया जा सकता है। पर सम्मोहन में सम्मोहनकर्ता को गहरी मानसिक क्षमता और अधिकार का अनुभव होता है, जो दूसरों के भावनात्मक, मानसिक या शारीरिक परिवर्तनों में मदद करता है।
समूह सम्मोहन को सामूहिक सम्मोहन भी कहा जाता है, जिसमें सम्मोहनकर्ता एक पूरे समूह या समुदाय को सम्मोहित करता है। यह सिद्धांत पर आधारित है कि एक व्यक्ति अधिकतर अपने आस-पास के लोगों के कार्यों या विचारों की नकल करता है, और जब एक समूह में यह मानसिकता व्यापक होती है, तो पूरी भीड़ पर एक साथ सम्मोहन का प्रभाव पड़ सकता है। यह सामान्य रूप से आयोजनों, धार्मिक सामूहिक कार्यों, प्राचीन अनुष्ठानों या अन्य बड़े आयोजनों में देखा जाता है, जहां किसी विशेष कार्य, विचार या दिशा के लिए समूह को सम्मोहित किया जाता है। इसे अक्सर नेताओं, वक्ताओं, या मंच पर कार्य करने वालों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है, जो बड़ी संख्या में लोगों के मनोभावों को नियंत्रित करने और उनसे अधिक प्रभावकारी परिणाम प्राप्त करने के लिए सम्मोहन का उपयोग करते हैं।
प्राणी सम्मोहन, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, उन प्राणियों पर आधारित होता है, जैसे कि जानवर और पक्षी, जिन्हें सम्मोहित किया जाता है। यह सम्मोहन जानवरों की मानसिक स्थिति और उनके व्यवहार को नियंत्रित करने के लिए उपयोगी होता है। प्राणी सम्मोहन का अधिक उपयोग सर्कस, पशु प्रशिक्षण, या पशु उपचार में देखा जाता है। सर्कस के रिंगमास्टरों के लिए यह महत्वपूर्ण होता है, जो जानवरों को प्रदर्शन या कर्तव्य निभाने के लिए प्रशिक्षित करते हैं। यह विधि जानवरों को किसी विशेष स्थिति में रखने, शांति बनाए रखने या किसी शारीरिक कार्य को एक विशेष तरीके से करने के लिए काम करती है। इसके लिए आमतौर पर वातावरण में विशेष तरह की ऊर्जा या भय उत्पन्न करके जानवरों के दिमाग को नियंत्रित किया जाता है। यह कौशल वाकई में चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि जानवरों के साथ सम्मोहन प्रक्रिया को प्रैक्टिस में लाना कठिन होता है, लेकिन यह एक रोचक और गहरी क्षमताओं की जरूरत वाली कला है।
परामनोविज्ञान सम्मोहन एक उन्नत रूप है जिसमें व्यक्ति अपने मानसिक और शारीरिक शक्तियों का प्रयोग करके दूरस्थ क्षेत्रों या व्यक्तियों को प्रभावित कर सकता है। परामनोविज्ञान सम्मोहन में सम्मोहनकर्ता अपने मन की शक्ति का उपयोग करके किसी भी वस्तु, घटना, स्थान, या व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक पदार्थों को प्रभावित कर सकता है। इसके तहत एक व्यक्ति दूसरे को सम्मोहित करके भविष्यवाणी कर सकता है, अतीत की जानकारी प्राप्त कर सकता है, खोई हुई वस्तु का पता लगा सकता है, भूत-प्रेत से संपर्क कर सकता है, और दूसरी अन्य अलौकिक शक्तियों का उपयोग कर सकता है। परामनोविज्ञान सम्मोहन में उस व्यक्ति के मन की बहुत गहरी समझ होती है, जो मानसिक और शरीर के सामान्य संसाधनों से बाहर काम करता है, और यह उसी प्रकार का ज्ञान और प्रवृत्तियों को देखता है जैसे योगी और सिद्ध पुरूष देखते हैं।
सम्मोहन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसका गहरा प्रभाव केवल मानसिक रूप से ही नहीं बल्कि शारीरिक और आत्मिक रूप से भी होता है। हर प्रकार का सम्मोहन अपना अलग उद्देश्य और विधि रखता है, जिससे व्यक्ति अपनी इच्छाओं, समस्याओं और प्रभावों को परिवर्तित कर सकता है। चाहे वह आत्म सम्मोहन हो, पर सम्मोहन हो, या परामनोविज्ञान सम्मोहन हो, सभी अपने-अपने स्तर पर शक्तिशाली और प्रभावशाली हैं। यह मानसिक और भावनात्मक विकास के लिए बेहद प्रभावी सिद्ध हो सकता है, बशर्ते कि इसे उचित विधि और विश्वास के साथ अभ्यास किया जाए।
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