दस महाविद्याओं में माँ बगलामुखी को विशेष रूप से आठवें स्थान पर रखा गया है। माँ बगलामुखी न केवल शक्तिशाली और प्रभावशाली देवी हैं, बल्कि वे उन सभी भक्तों के लिए उम्मीद की किरण हैं जो अपने जीवन में कठिनाइयों, विरोध, शत्रुता और अन्य नकारात्मक परिस्थितियों से जूझ रहे होते हैं। शास्त्रों के अनुसार, माँ बगलामुखी को “पीतांबरा”, “बगला” और “ब्रह्मास्त्र विद्या” जैसे नामों से भी जाना जाता है। यह दर्शाता है कि माँ बगलामुखी की पूजा एक ऐसी अद्वितीय साधना है, जो दिव्य शक्ति और विजय की प्रतीक मानी जाती है।
माँ बगलामुखी की पूजा को दिन और मध्य रात्रि दोनों समय विशेष रूप से किया जाता है, जो उनकी ऊर्जा और प्रभावशीलता को और बढ़ाता है। इस पूजा में पीले रंग की सामग्री का उपयोग अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि पीतांबरा के प्रतीक रूप में पीला रंग ज्ञान, सफलता और सकारात्मकता का प्रतीक होता है। यही कारण है कि पूजा के दौरान पीले रंग की सामग्री और वस्तुएं उपयोग में लाई जाती हैं। पीले रंग का यह विशेष उपयोग सुनिश्चित करता है कि भक्त को पूजन का सर्वोत्तम फल प्राप्त हो।
माँ बगलामुखी की पूजा मुख्य रूप से जीवन की तमाम बाधाओं और शत्रुता से मुक्ति के लिए की जाती है। देवी के आशीर्वाद से व्यक्ति न केवल बाहरी शत्रुओं से बल्कि आंतरिक समस्याओं जैसे क्रोध, लोभ, मोह, डर और अशांति से भी मुक्त हो जाता है। माँ बगलामुखी के आशीर्वाद से भक्त को हर प्रकार की मानसिक और शारीरिक बाधाओं से उबरने की शक्ति मिलती है। इसके साथ ही पूजा के माध्यम से जीवन के कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता मिलती है। राजनीतिक और प्रशासनिक क्षेत्र में भी सफलता प्राप्त करने के लिए माँ बगलामुखी की पूजा विशेष रूप से प्रभावी मानी जाती है। यह साधना व्यक्ति को उसके कार्यक्षेत्र में सबसे ऊपर उठने की शक्ति और नेतृत्व प्रदान करती है।
माँ बगलामुखी का अनुष्ठान विशेष रूप से उनके भक्तों के जीवन में अद्वितीय परिवर्तन लाता है। यह अनुष्ठान पीतांबरा (पीला रंग) सामग्री, महामंत्रों, हवन, और श्रद्धा पूर्वक विधिपूर्वक पूजन के माध्यम से सम्पन्न किया जाता है। विशेष रूप से 7 ब्राह्मणों या पुरोहितों के माध्यम से यह अनुष्ठान 7 दिनों में संपन्न होता है, जो इसे अत्यधिक प्रभावशाली और सिद्ध मानता है। अनुष्ठान का मुख्य उद्देश्य देवी बगलामुखी की कृपा से भक्त के जीवन में आ रही हर प्रकार की बाधाओं को समाप्त करना है।
बगलामुखी अनुष्ठान के प्रमुख फल:
माँ बगलामुखी का अनुष्ठान व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी प्रकार की आंतरिक और बाहरी कठिनाइयों को दूर करने के उद्देश्य से किया जाता है। इस अनुष्ठान से न केवल शारीरिक और मानसिक समस्याओं का समाधान होता है, बल्कि यह पापों के निवारण और हर प्रकार की बाधाओं से मुक्ति दिलाने में भी कारगर है। पूजा और अनुष्ठान विधिपूर्वक किए जाने से भक्तों को आत्मिक शांति प्राप्त होती है, और उनका जीवन समृद्धि से भर जाता है।
माँ बगलामुखी की पूजा और अनुष्ठान से सिर्फ बाहरी शत्रुओं से ही नहीं, बल्कि आत्मा के भी विकारों को समाप्त किया जा सकता है। यह पूजा जीवन में संतुलन, सफलता और आंतरिक शक्ति प्रदान करती है। उनके आशीर्वाद से व्यक्ति अपनी छिपी हुई शक्तियों की खोज कर सकता है, जो उसे न केवल सफलता की ओर, बल्कि आध्यात्मिक विकास के मार्ग पर भी अग्रसर करती हैं। माँ बगलामुखी के आशीर्वाद से आपका जीवन खुशहाल, समृद्ध और निष्कलंक बन सकता है।
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सर्व सिद्ध पीठ माँ बगलामुखी मंदिर नलखेड़ा जिला आगर मालवा (म.प्र.)
फोन : +91 8878104076
ईमेल : pavangoswami104076@gmail.com
माँ बगलामुखी पूजा विशेषज्ञ के रूप में, गुरुजी ने इस पूजा में विशेष निपुणता हासिल की है। उन्होंने अब तक अनगिनत शांति पूजा और यज्ञ संपन्न किए हैं, जिनसे यजमानों को तुरंत ही उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त हुए हैं।
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